ऐ दिल-ए-नादान, तू बेवफ़ा हो जा
तुझे ये इजाज़त है, सौ दफ़ा हो जा।
ऐ दिल-ए-नादान, तू बेवफ़ा हो जा,
तुझे ये इजाज़त है, सौ दफ़ा हो जा.
पहले जो किया न हो प्यार में, आज वो कर ले
जिस्म पर जो पड़े हैं, रूह के परदे खींच कर फाड़ दे।
रात को मिल, सुबह को खो जा,
गुमनाम हो जा,
ऐ दिल-ए-नादान, तू बेवफ़ा हो जा.
आज कोई वादा कर, चाहे कल मुकर जाना
ऐसी भूल कर, जो फिर कभी याद भी न आना।
इन आंखों ने ज़्यादा नहीं,
सिर्फ़ दो सपने ही देखे थे।
सफ़र अधूरा रहे,
दिल की आरज़ू कभी पूरी न हो.
ऐसा कोई रास्ता चुन,
जो फिर कभी न मिले।
ऐ दिल-ए-नादान, तू बेवफ़ा हो जा,
ऐ दिल-ए-नादान, तू बेवफ़ा हो जा.
Written by Kumaar